एक फैसला ऐसा भी
दुश्मनी के आसमां में उड़े शांतिदूत
दनौदा गांव की सर्वजातीय पंचायत बिनैन खाप की स्थापना पटियाला राजा के समय में हुई थी। इस खाप में अब तक छह प्रधान बने हंै। उचाना क्षेत्र में दाडऩ खाप उचाना कलां, खटकड़ खाप, सर्वजातीय दाडऩ खाप पालवां बनी हुई है।
वर्ष 2006 में बनी दाडऩ खाप पालवां ने गठन के बाद सबसे पहले खाप के 24 गांवों में जिन लोगों का सामाजिक बहिष्कार हुआ है उनको समाप्त करने का ऐतिहासिक फैसला लिया ताकि गांव में भाईचारा
कायम रहे।
दहेज लोभी दूल्हे की रगड़वाई नाक
8 नवंबर 2006 को जुलाना थाने में झज्जर जिले के खातीवास गांव व जुलाना के लोगों की एक दहेज मांगने के मामले को लेकर पंचायत हुई। पंचायत ने इस दौरान ऐतिहासिक फैसला सुनाया और दहेज की मांग करने वाले खातीवास निवासी एक युवक की पंचायत में ही नाक रगड़वाई गई। शादी कराने वाले बिचौलिए पर पंचायत ने एक कौड़ी का जुर्माना भी लगाया। इतना ही नहीं दूल्हा बनने वाले युवक को ही 21 हजार रुपए की राशि दहेज के रूप में पंचायत में ही देनी पड़ी। पंचायत का फैसला पूरी तरह से चर्चा में रहा।
खूनी माहौल में कायम करवाया भाईचारा12 फरवरी 2007 को खांडा बारहा तपा की पंचायत ने रमेश व रोशन के बीच चल रहे हत्या के विवाद का मामला सुलझा दोनो पक्षों में समझौता कराया। बाद में कोर्ट से भी फैसले को वापस लिया गया और दोनो पक्षों में भाईचारा बनाया गया।
पत्नी को दिलवाया हक
9 जून 2007 को पंचायत ने अलेवा में करीब 12 वर्ष से अनबन के चलते पति से अलग रह रही सांगा गांव की अंगरेजो देवी को उसका जमीनी हक 11 एकड़ दिलवाया। इस मामले में कोर्ट में भी केस चल रहे थे, लेकिन पंचायत के फैसले के बाद सब वापस ले लिए गए। इस फैसले को सम्मान मिला।
बड़ी बारात पर लगाई पाबंदी
दाडऩ खाप ने विवाह-शादियों में डीजे बजाने पर प्रतिबंध, बारात में 11 व्यक्ति आने एवं जाने, बारात में सिर्फ दूल्हे की गाड़ी का किराया देने एवं लेने के फैसले लिए, जो आज भी कायम है। 2009 में झील गांवों में दो गुटों के बीच जमकर झगड़ा हुआ था जिसमें 40 के आस-पास ग्रामीण, महिलाएं घायल हो चुकी थीं। प्रशासन के लिए सिरदर्द बने इस मामले को दाडऩ खाप पालवां की पंचायत में दोनों पक्षों के जयकरण व हजुरा ने एक-दूसरे को दूध का गिलास पिलाकर भाईचारा खराब होने से बचाया।